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एकता परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से की मुलाकात

  • Writer: Ekta Parishad
    Ekta Parishad
  • Aug 16, 2018
  • 2 min read

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बालाघाट। आदिवासियों और वनवासियों से जुड़ी समस्याओ को लेकर एकता परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर समस्याओं से अवगत कराया। जिसमें आदिवासियों के वनअधिकार के निरस्त दावे का परीक्षण करना, गैर आदिवासियों के दावों पर विचार करना, कान्हा से वर्ष 1975 में विस्थापन के बाद पुनर्वास से छुट गये परिवारों का पुनर्वास इत्यादि मुद्दे प्रमुख है। एकता परिषद जिला बालाघाट के संयोजक सुरक्षालाल भोंडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

इसके पूर्व बालाघाट जिला इकाई एकता परिषद की बैठक बस स्टेण्ड स्थित सार्वजनिक धर्मषाला में की गयी। इस बैठक में राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार और वरिष्ठ कार्यकर्ता अनिल गुप्ता के साथ भोपाल से कृष्णकुमार ने भागीदारी की। बैठक को सम्बोधित करते हुए अनीष कुमार ने कहा कि पिछली बार जिलास्तरीय रैली के आयोजन के बाद सरकार प्रषासनिक स्तर पर काम कर रही है, यह एक सकारात्मक पहल है। अनिल गुप्ता ने कहा कि राजा जी के नेतृत्व में जनआंदोलन 2018 की तैयारी होना प्रारंभ हो गया है, सभी लोगों को एकजुट होकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए कि वह भूमि सुधार नीति की घोषणा करे। बैठक में विभिन्न ब्लाकों से आये प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याओं को रखा और ब्लाकवार जन अंादोलन 2018 में बालाघाट से 1000 सत्याग्रहियों की भागीदारी की रणनीति पर चर्चा की। ज्ञात हो कि एकता परिषद आगामी 2 अक्टूबर 2018 से पलवल में 25000 भूमिहीन दलित आदिवासी और गरीब किसान दिल्ली की ओर भूमि अधिकारों की मांग को लेकर कूच करंेगे। 

जिला कलेक्टर ने एकता परिषद द्वारा उठाये गये मुद्दे पर सिलसिलेवार कहा कि प्रषासन के द्वारा ग्राम स्तरीय वनअधिकार समिति की बैठक कर दावों की सत्यता की जांच और निरस्त दावे के परीक्षण की कार्यवाही तहसील स्तरीय वनअधिकार समिति के द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद जिला स्तरीय वनअधिकार समिति के द्वारा कराकर अधिकार पत्र वितरित किये जायेंगे। कान्हा नेषनल पार्क से 1975 के ऐसे विस्थापित जिनका पुनर्वास नहीं हो सका है, उनकी सूची सौंपी गयी, इस पर जिलाकलेक्टर ने जांच कराकर कार्यवाही का भरोसा दिया। गढ़ी में पशु प्रजनन क्षेत्र में वर्षो से काबिज आदिवासियों को आवासीय पट्टा दिये जाने के सवाल पर कहा कि बरसात के बाद कार्यवाही करेंगे और जिन जमीनों पर आदिवासियों के मकान बनाये गये है उनको पशुपालन विभाग से लेकर आबादी भूमि घोषित कर मकान की सुविधाएं दी जायेंगी। एकता परिषद के प्रतिनिधिमंडल में अषोक मेश्राम बैहर, हीरामन कुणवते लांजी, कुषल मलाजखंड, कृष्णा भोपाल इत्यादि ने भाग लिया।


 
 
 

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