भूमि अधिकार एवं जनांदोलन 2018 की तैयारी को लेकर उड़ीसा में राज्यस्तरीय सम्मेलन ।
- Ekta Parishad
- Sep 2, 2018
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भूमि सुधार कानून एवं ज्नांदोलन 2018 की तैयारी को ले कर दिनांक 18 - 19 अगस्त 2018 को उड़ीसा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयेजन किया गया। सम्मेलन में प्रमुख रुप से भूमि अधिकार पर कार्य करने वाले जनसंगठन, राजनेतिक दलों के सदस्य, विषय विशेषज्ञ सहित मीडिया के लोग उपस्थ्ति थे। सम्मेलन को संबोधित करते हुये एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक श्री रमेश शर्मा जी ने कहा कि आप जानते है कि आगरा में श्री जयराम रमेश व एकता परिषद के बीच 10 मुदद्ों को लेकर हस्ताक्षर किया गया था । चूंकि आगरा समझौते के बाद सरकार बदल चुकी है इसीलिये जिस तेजी से काम होना था वह नही हुआ इसलिये फिर जन आंदोलन की जरूरत महसूस हुई और जन आंदोलन में मूुख्य रूप से छः बिंदुओ को रखा है। आवासीय गांरटी अधिनियम जिसके तहत देश के पांच करोड़ से अधिक परिवारों को आवासीय जमीन दिलाना है और इसके लिये कानून बनाना है। राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति - एक नीतिगत दस्तावेज के अभाव में पूरे देश में एक ऐसा माहौल बना है जैसे कि आद्योगीकरण एवं विकास परियोजनाओ के लिये जमीन उपलब्ध है लेकिन गरीब भूमिहीनों के लिये जमीन नहीे है जमीन से जुड़े हुये तमाम सवाल उलझे हुये है । इसलिये हम चाहते कि सरकार एक लिखित नीतिगत दस्तावेज देश के सामने रखे कि भारत देश में जो जमीन है वह किन - किन के हित में कितनी - कितनी उपयोग की जायेगी । एक दस्तावेज सरकार में सामने तैयार है भारत सरकार चाहे तो उसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। महिला कृषक हकदारी कानून - भारत में महिलाओं के भूमि अधिकार , मजदूरी के समान अवसर ओर आय तथा महिलाओं को कृषक का दर्जा नही दिया गया है, जबकि 80 फीसदी से अधिक कृषि कार्य महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। फास्ट ट्रैक कोर्ट - अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब 64 प्रतिशत आदिवासी के मामले जमीन से जुड़े हुये है और कई वर्षो तक इन मामलों को लेकर लोग अदालतो के चक्कर काट रहे है। सरकार भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिये त्वरित न्यायालयों का संचालन करे। वनाधिकार कानून 2006 और पंचायत (विस्तार उपबंध) अधिनियम 1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना करे। भारत के विभिन्न न्यायालयों में भूमि संबधी लाखों प्रकरण लम्बित हैं जिसकी वजह से लोग न्याय, आजीविका ओर सम्मान से वंचित हैं।
सम्मेलन को सम्मबोधित करते हुये स्टेट काॅडीनेटर श्री विजाय प्रधान जी ने कहा कि उड़ीसा राज्य से 1000 सत्याग्रही पलवल में सत्याग्रह के लिये जायेगें। सभी तैयारिया पूरी करली गई हैं। दलनाकों व दस्तानायकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आंदोलन के लिये चावल व कुछ पैसा भी सत्याग्रहियों ने संकलित किया है जिसे वह आंदोलन में साथ लेकर जायेगें।
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